Sunday, July 20
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कर्नल अमनप्रीत सिंह गिल – एक अद्वितीय व्यक्तित्व

पंजाब का शूरवीर खिलाड़ी सिपाही
पंजाब की मिट्टी ने हमेशा ही शूरवीर और योद्धा पैदा किए हैं, लेकिन जब कोई सिपाही युद्ध के मैदान से खेल के मैदान तक अपनी काबिलियत का लोहा मनवाए, तो उसका व्यक्तित्व अद्वितीय बन जाता है। मोगा जिले के मद्दोके गांव से निकला कर्नल अमनप्रीत सिंह गिल आज सिर्फ अपने परिवार या फौज का ही नहीं, बल्कि सारे पंजाब का गर्व है।
अनोखा जोश और समर्पण
46 साल की उम्र में भी कर्नल गिल का जोश और हौसला नौजवानों को मात दे देता है। हाल ही में ड्रैगन बोट रेसिंग की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीता गया सिल्वर मेडल इस बात का प्रमाण है कि सच्चा खिलाड़ी कभी रिटायर नहीं होता। आर्टिलरी रेजिमेंट के इस सिपाही ने अपने करियर में न सिर्फ मिशन ओलंपिक की अगुवाई की, बल्कि भारतीय फौज में पहली बार महिला खिलाड़ियों की भर्ती भी करवाई।
नारी शक्ति का प्रबल समर्थक
कर्नल गिल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने जसमीन लैंबोरिया, रीतिका हुड्डा, प्रीति राजक और शाक्षी ढाहिया जैसी शानदार खिलाड़ियों को फौज में शामिल करवाया, जिन्होंने आगे चलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया। उनकी दूरदर्शिता और मेहनत का नतीजा है कि आज भारतीय फौज में महिला खिलाड़ियों का एक मजबूत तबका तैयार हुआ है।
पैरा खेलों का मसीहा
पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया और भारतीय फौज के बीच समझौता करवाकर कर्नल गिल ने पैरा स्पोर्ट्स के क्षेत्र में इंकलाब ला दिया। पेरिस पैरालंपिक और एशियन गेम्स में भारतीय पैरा एथलीटों की सफलता के पीछे उनका हाथ है। उन्होंने पैरा स्पोर्ट्स को सिर्फ सहायता ही नहीं दी, बल्कि इसे एक पेशेवर स्तर पर ले आए।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड
अमनप्रीत सिंह गिल ने अपनी उपलब्धियों के कारण नया रिकॉर्ड कायम किया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया। उन्होंने मुंबई में तटीय उड़ीसी अभियान के दौरान तटीय रिकॉर्ड कायम करके इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया।
फरीदकोट का रक्षक
खेलों के अलावा कर्नल गिल ने सिविल डिफेंस के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवाया है। हाल के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके प्रयासों ने उन्हें “फरीदकोट का रक्षक” का प्यारा नाम दिलाया है। स्थानीय प्रशासन, डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तक उनकी तारीफ करते हैं।
नई पीढ़ी का गुरु
वर्तमान में कर्नल गिल फरीदकोट के युवा फेंसरों को कोचिंग दे रहे हैं। उनके सिखाए बच्चों ने जिला स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है और राज्य चैंपियनशिप में छह कांस्य पदक जीते हैं। यह उनकी शिक्षा की गुणवत्ता और समर्पण का सबूत है।
एक मिसाली व्यक्तित्व
कर्नल अमनप्रीत सिंह गिल सिर्फ एक फौजी अफसर या खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक संपूर्ण व्यक्तित्व हैं जो अपने कामों के माध्यम से समाज को नई दिशा देते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा सिपाही भी हो सकता है और सच्चा खिलाड़ी भी, सच्चा नेता भी हो सकता है और सच्चा समाज सेवक भी। पंजाब की मिट्टी को ऐसे सपूतों का गर्व है जो अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से न सिर्फ अपना बल्कि सारे देश का नाम रोशन करते हैं।

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