Saturday, December 6
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हिट हिंदी फिल्मों का रिकॉर्ड बनाने वाले धर्मेंद्र को कोई पुरस्कार नहीं मिला

चंडीगढ़: बॉक्स ऑफिस इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार धर्मेंद्र के पास सबसे अधिक हिट फिल्मों का रिकॉर्ड है। आई.एम.डी.बी. की रिपोर्ट के अनुसार धर्मेंद्र के नाम 98 हिट फिल्मों देने का रिकॉर्ड है।
1960 से 1980 के दशक तक कई सुपरहिट फिल्मों और महत्वपूर्ण भूमिकाओं में अभिनय करने के बाद भी धर्मेंद्र को एक भी पुरस्कार न मिलना आश्चर्यजनक है। ‘आई मिलन की बेला’, ‘फूल और पत्थर’, ‘यादों की बारात’, ‘मेरा गाँव मेरा देश’ और ‘रेशम की डोरी’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें नामांकित तो किया गया परंतु वह पुरस्कार जीतने से वंचित रहे।
आखिरकार 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उसी साल 2012 में उन्हें भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया।
मीना कुमारी की एक शर्त से मिली स्टारडम
पहली ही फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ की सफलता के बाद उन्होंने ‘सूरत और सीरत’ (1962), ‘अनपढ़’ (1962), ‘बंदिनी’ (1963) और ‘आई मिलन की बेला’ (1964) जैसी कई फिल्में कीं। फिल्म ‘मैं हूँ लड़की’ की शूटिंग में मीना कुमारी उन्हें पसंद करने लगीं। उस समय मीना और उनके पति के रिश्ते में कड़वाहट आ चुकी थी।
मीना कुमारी धर्मेंद्र की इतनी प्रशंसा करती थीं कि वह हर प्रोड्यूसर के सामने एक शर्त रखती थीं कि अगर फिल्म में हीरो धर्मेंद्र होगा तभी वह फिल्म करेंगी। इस तरह मीना और धर्मेंद्र ने ‘पूर्णिमा’, ‘काजल’, ‘मंझली दीदी’ जैसी फिल्में बनाईं, जिन्होंने धर्मेंद्र को स्टार बना दिया। हालांकि कुछ समय बाद दोनों का रिश्ता टूट गया।
फिर अचानक एक दिन धर्मेंद्र ने मीना कुमारी को मिलना बंद कर दिया और फिल्मों में बहुत ज्यादा व्यस्त हो गए। मीना कुमारी ने फिर शराब पीना शुरू कर दिया। एक बार फिर उसका दिल टूट गया। वह बहुत अधिक शराब पीने लगीं। फिर एक दिन इसी गम के कारण वह दुनिया को अलविदा कह गईं।